शनिवार के दिन वशीकरण मंत्र
हिंदू धर्म शास्त्रों में हर दिन को एक अलग ही नज़रिए से देखने की परम्परा है| हर दिन के स्वामी एक अलग देवता है| इस क्रम में सबसे अधिक लोग शनिवार से डरते हैं क्योंकि शनि देव इनके स्वामी हैं| सूर्य पुत्र शनिदेव को लाकर तरह-तरह की भ्रान्ति है| लोग कोई भी शुभ काम शनिवार को नहीं करते| जबकि तंत्र की दृष्टि से इस दिन का ख़ास महत्त्व है| कई साधनाएं शनिवार को ही प्रारंभ की जाती हैं| इसका कारण यह है कि शनिदेव न्याय के देवता माने जाते हैं| वह किसी भी जातक को उसके कर्मों का फल अवश्य देते हैं| कोई भी उनकी दृष्टि से बच नहीं पाता| अब दैनिक जीवन में भी अगर कोई अपराध करता है और कोर्ट पहुँच जाता है तो सबसे जयादा डर जज से ही लगता है| ऐसे में सबसे सरल तरीका यह है कि ऐसा कोई कर्म ही न करे कि शनिदेव से डरना पड़े| पिछले जन्म में जो किया उसका भुगतान तो करना ही होगा| कम से कम इस जन्म में ऐसा कुछ न करें यह प्रयास रहे तो मनुष्य कोई कोई कष्ट ही न हो|
यह तो शनिदेव की बात| अब हम कुछ ख़ास टोटकों की बात करेंगे जिन्हें सिर्फ शनिवार के दिन किया जा सकता है-|
शनिवार के दिन करें ये उपाय/टोटके
- अगर हर काम में अड़चन आ रही हो, कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही हो तो आटा, चीनीं और तिल में पानी मिलाकर गोलियां बना दें और चींटियों को खिला दें| सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी| यदि किसी जातक पर साढ़े साती या धैया चल रहा हो तो, यह उपाय जरुर करना चाहिए| ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं |
- अगर कोई जानकार यह कहे कि शनि के कारण जीवन में अशांति है, आर्थिक जीवन अस्त व्यस्त है तो काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनवाकर अपनी मध्यमा ऊँगली में शनिवार के दिन धारण करें|
- शनिवार के दिन काला तिल, काली कम्बल, लोहे के बर्तन, काला कपड़ा उड़द की दाल आदि दान करें| ऐसा करने से शनिदेव होते हैं तथा कष्टों का निवारण करते हैं|
- शनिवार के दिन शनि की आराधना करें, उन्हें नील वर्णी पुष्प अर्पित करें, मांस मदिरा का सेवन न करें| साथ प्रातः उठने के साथ ही ‘ओम शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप मन ही मन करते रहें| अगर अत्यधिक समस्या से घिरे हों तो इस मंत्र का जाप सातों दिन करें|
- अगर साढ़े साती या ढैय्या चल रहा हो तो किसी कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमे सुबह सुबह अपना चेहरा देख लें और किसी गरीब को वह तेल दान करें| इससे शनि का प्रकोप दूर होता है|
- शनिवार की सुबह स्नान के बाद पीपल को जल अर्पित करने के बाद सात बार उसके इर्द-गिर्द घूमकर परिक्रमा कर लें| संध्या काल दीपक जला दें| ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं|
- शनिवार के दिन ताम्बे के लोटे में जल भरें और शिवजी को चढ़ा दें| ऐसा करने से शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी प्रसन्नता से शनि भी अपना क्रोध समेट लेते हैं| इससे बिमारी से मुक्ति मिलती हैं|
- मान्यता है कि मात्र हनुमान जी से शानिदेव डरते हैं, वस्तुतः यह डरना न होकर श्रेष्ठ के प्रति सम्मान हॉ सकता है| जो लोग ऐसा मानते हैं कि हनुमान से शनि डरते हैं उन्हें तर्क करना चाहिए कि विद्वान् हनुमान भला न्याय के देवता से पंगा क्यों लेंगे| या नयायोचित दंड या पुरस्कार के बीच में क्यों आएगे| फिर ऐसा जरुर हो सकता है कि हनुमान की आराधना से हनुमान जी जल्द खुश हो जाते हैं और अपने भक्त को कष्ट में नहीं देख सकते| यह देख शनि देव भी नरमी बरतने लगें| अगर हम समस्या में हैं तो इन बातों के बारे में न सोचते हुए हनुमान जी की शरण में जा सकते हैं,| इसके लिए मंगलवार का व्रत रखें, हनुमान चालीसा का पाठ करें, हनुमान चालीसा के साथ-साथ बजरंग बाण का पाठ न भूलें| ऐसा करने से समस्त शानि दोष दूर हो जाते हैं|
शनिवार के चमत्कारी उपाय
- अगर दुर्भाग्य पीछा न छोड़ रहा हो, जीवन अवसाद से भर गया हो इस उपाय को आजमाएं| लाल रेशमी धागा लें| उसे कुछ दिनों तक घर के पूजा घर में रख दें| पुनः शनिवार के दिन उसे अपनी लम्बाई के बराबर काट लें| फिर उसे धोकर पवित्र कर दें| अब उसे एक आम के पत्ते में लपेट दें और बहते हुए साफ़ पानी में प्रवाहित कर दें| ऐसा करते समय मन ही मन ओम नमः शिवाय का जाप करते रहें| यह आजमाया हुआ टोटका है|
- शनिवार की शाम अपने सम्मुख लोहे की प्लेट में एक रोटी रखें| आपकी जो भी मनोकामना हो उसे मन ही मन व्यक्त करें| फिर उसे किसी काले कुत्ते को खिला दें| ऐसा करने से बिगड़े काम बनने लगते हैं|
- शनिवार के दिन ग्यारह लोगों को हनुमान चालीसा की ग्यारह प्रति दान करें| जिसे भी दान करें वह हनुमान भक्त होना चाहिए|
- शनिवार के दिन लोहे का ताला खरीदें| उसे चेक न करें| यहाँ तक कि दुकानदार को भी चेक न करने दें| लौटते समय किस शनि मंदिर में जाए और चुपचाप वह ताला वही छोड़कर आ जाएं| माना जाता है कि जैसे ही कोई उस ताले में चाभी डालेगा आपके किस्मत का द्वार खुल जाएगा|
- शनिवार के दिन अपने सामर्थ्य अनुसार गरीबों को सरसों तेल में पका भोजन करवाएं| ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं|
इन उपायों को करते समय मन में आस्था रखें और प्रयत्न जारी रखें| वर्तमान में हमारे कई कष्टों का कारण पूर्वजन्म के संचित कर्म होते हैं| इसलिए इनका असर पूरी तरह समाप्त नहीं होता तथापि इन उपायों को करने से राहत अवश्य मिलती है| उम्मीद का दरवाजा खुलता है|